Hindi Matra – हिन्दी की मात्राएँ: परिभाषा, चार्ट, उदाहरण और वर्कशीट

Hindi Matra (हिंदी की मात्राएँ) देवनागरी लिपि में उच्चारण और अर्थ स्पष्ट करने की कुंजी हैं। इस दस्तावेज़ में आपको मात्रा की परिभाषा, प्रकार (ह्रस्व/दीर्घ), संपूर्ण चार्ट, क–ज्ञ बारहखड़ी, “मात्रा वाले शब्द” की बड़ी सूची, अभ्यास वर्कशीट, शुरुआती टिप्स, वर्णमाला से बनने वाले शब्द और FAQs.


Hindi Matra की परिभाषा (What is Matra in Hindi?)

मात्रा वह चिन्ह (Symbol) है जो स्वर की ध्वनि दर्शाती है और व्यंजन के साथ मिलकर शब्द बनाती है। हिंदी में सामान्यतः 11 मात्राएँ मानी जाती हैं, मगर ‘अ’ की कोई मात्रा नहीं होती; इसलिए व्यवहार में 10 मुख्य मात्रा-चिन्ह प्रयोग में आते हैं।
मात्रा सीखना—हिंदी पढ़ने, लिखने, उच्चारण और अर्थ की स्पष्टता हेतु—सबसे पहला और आवश्यक कदम है।

मुख्य बिंदु:

  • मात्राएँ अक्षरों का सही उच्चारण सुनिश्चित करती हैं।
  • अर्थ बदल सकता है (जैसे: बल/बेल/बोल), इसलिए मात्रा का ज्ञान अनिवार्य है।
  • शुरुआती विद्यार्थियों के लिए मात्रा-ज्ञान बुनियाद की तरह काम करता है।

हिंदी मात्रा का महत्व – Top 7 Reasons

  1. उच्चारण में सटीकता: सही मात्रा = सही ध्वनि = स्पष्ट पाठन।
  2. अर्थ की स्पष्टता: मात्रा बदलने से अर्थ बदल सकता है (बल/बेल/बोल)।
  3. नए शब्दों का निर्माण: व्यंजन + विभिन्न मात्राएँ → नये शब्द और ध्वनियाँ।
  4. पठन प्रवाह (Fluency): मात्रा पहचान से स्पीड और शुद्धता बेहतर होती है।
  5. लेखन सुधार: सही मात्रा से वर्तनी में शुद्धता आती है।
  6. व्याकरण की नींव: वर्णमाला, संधि, समास आदि सीखना आसान होता है।
  7. परीक्षा में उपयोगी: प्राथमिक कक्षाओं, ओलंपियाड/टेट/शिक्षक भर्ती आदि में लाभकारी।

हिंदी मात्रा के प्रकार (Types of Matra)

ह्रस्व स्वर (Short Vowels)

जिन स्वरों का उच्चारण कम समय में होता है: अ, इ, उ, ऋ

दीर्घ स्वर (Long Vowels)

जिन स्वरों के उच्चारण में अधिक समय लगता है: आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ

संक्षेप तुलना तालिका:

वर्गस्वरउदाहरण (उच्चारण-केंद्रित)सीखने की टिप
ह्रस्वअ, इ, उ, ऋअग, इधर, उधर, ऋषिकम समय में स्पष्ट बोला जाए
दीर्घआ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औआम, चीनी, ऊन, मेल, नैया, मोटा, नौकास्वर को थोड़ा लम्बा खींचकर बोलें

अ से अः तक मात्रा वाले शब्द – A Se Ah Tak Ki Matra Wale Shabd

अ की मात्रा वाले शब्दओ की मात्रा वाले शब्द
आ की मात्रा वाले शब्दऔ की मात्रा वाले शब्द
छोटी इ की मात्रा वाले शब्दअं की मात्रा वाले शब्द
बड़ी ई की मात्रा वाले शब्दअः की मात्रा वाले शब्द
छोटे उ की मात्रा वाले शब्दबिना मात्रा वाले शब्द
बड़े ऊ की मात्रा वाले शब्ददो अक्षर वाले शब्द
ए की मात्रा वाले शब्दतीन अक्षर वाले शब्द
ऐ की मात्रा वाले शब्दचार अक्षर वाले शब्द
ऋ की मात्रा वाले शब्दपाँच अक्षर वाले शब्द


Hindi Matra Chart – Symbols + Examples

नोट: ‘अ’ की कोई मात्रा नहीं होती, इसलिए ‘अ’ बिना चिन्ह के लिखा जाता है।

स्वर (Swar)मात्रा-चिन्ह (Matra)उदाहरण (Words)संयोजन उदाहरण
समय, वन
आम, घड़ाघ + ा = घा
िकिताब, मिलक + ि = कि
ईख, घीघ + ी = घी
उधर, पुलक + ु = कु
ऊन/ऊन, सूरजम + ू = मू
ऋषि, कृतक + ृ = कृ
एक, मेलत + े = ते
ऐनक, बैलम + ै = मै
ओखली, बोलब + ो = बो
औरत, नौकाक + ौ = कौ
अंअंगूर, कंठक + ं = कं
अःदुःख, कःक + ः = कः

Barakhadi Matra Hindi Mein – क से ज्ञ तक बारहखड़ी

बारहखड़ी में हर व्यंजन के साथ सभी प्रमुख मात्राएँ जोड़कर नई ध्वनियाँ बनती हैं। अभ्यास के लिए नीचे नमूना-पैटर्न देखें (इसी ढंग से अन्य व्यंजन पर लागू करें):

अंअः
ि
काकिकीकुकूकेकैकोकौकंकः
खाखिखीखुखूखेखैखोखौखंखः
गागिगीगुगूगेगैगोगौगंगः
घाघिघीघुघूघेघैघोघौघंघः
चाचिचीचुचूचेचैचोचौचंचः
छाछिछीछुछूछेछैछोछौछंछः
जाजिजीजुजूजेजैजोजौजंजः
झाझिझीझुझूझेझैझोझौझंझः
टाटिटीटुटूटेटैटोटौटंटः
ठाठिठीठुठूठेठैठोठौठंठः
डाडिडीडुडूडेडैडोडौडंडः
ढाढिढीढुढूढेढैढोढौढंढः
णाणिणीणुणूणेणैणोणौणंणः
तातितीतुतूतेतैतोतौतंतः
थाथिथीथुथूथेथैथोथौथंथः
दादिदीदुदूदेदैदोदौदंदः
धाधिधीधुधूधेधैधोधौधंधः
नानिनीनुनूनेनैनोनौनंनः
पापिपीपुपूपेपैपोपौपंपः
फाफिफीफुफूफेफैफोफौफंफः
बाबिबीबुबूबेबैबोबौबंबः
भाभिभीभुभूभेभैभोभौभंभः
मामिमीमुमूमेमैमोमौमंमः
यायियीयुयूयेयैयोयौयंयः
रारिरीरुरूरेरैरोरौरंरः
लालिलीलुलूलेलैलोलौलंलः
वाविवीवुवूवेवैवोवौवंवः
शाशिशीशुशूशेशैशोशौशंशः
सासिसीसुसूसेसैसोसौसंसः
षाषिषीषुषूषेषैषोषौषंषः
हाहिहीहुहूहेहैहोहौहंहः
क्षक्षाक्षिक्षीक्षुक्षूक्षेक्षैक्षोक्षौक्षंक्षः
त्रत्रात्रित्रीत्रुत्रूत्रेत्रैत्रोत्रौत्रंत्रः
ज्ञज्ञाज्ञिज्ञीज्ञुज्ञूज्ञेज्ञैज्ञोज्ञौज्ञंज्ञः
श्रश्राश्रिश्रीश्रुश्रूश्रेश्रैश्रोश्रौश्रंश्रः

A से Aḥ (अ से अः) – मात्रा वाले शब्दों की सूची

बिना मात्रा (अ)

  • बस, कप, तप, सच, समय, वन, नगर

आ (ा)

  • आम, राजा, घड़ा, खाना, जाना, पाना

इ (ि)

  • किताब, गिर, मिल, चित्र, दिशा

ई (ी)

  • ईख, घी, चीनी, जीप, नील

उ (ु)

  • उधर, पुल, सुख, चुना

ऊ (ू)

  • ऊन/ऊन, सूरज, फूल, मूली

ऋ (ृ)

  • ऋषि, कृपा, कृत, कृश

ए (े)

  • एक, मेल, खेत, लेख

ऐ (ै)

  • ऐनक, बैल, नैया, चैन

ओ (ो)

  • ओखली, बोल, टोपी, सोना

औ (ौ)

  • औरत, नौका, चौका, गौरी

अं (ं)

  • अंगूर, कंठ, संग, बंद, रंग

अः (ः)

  • दुःख, कः (संस्कृत-उदाहरण), द्विः (उधार शब्द)

लेवल-आधारित अभ्यास:

  1. दो अक्षर: घर, फल, रस, जल, खोल, सौ
  2. तीन अक्षर: ताली, खिलौना, सुराज
  3. चार अक्षर: बारिश, विद्यालय, प्रयोग
  4. पाँच अक्षर: किशोरी, उद्यान, प्रकल्प

वर्कशीट, एक्सरसाइज़ और रिवीजन

Fill-in-the-Matra (रिक्त स्थान भरें)

  • क _ लम (—/ा/ि/ी/े) → कलम/कालम/किलम…
  • स _ ब्ज़ी → सब्ज़ी/साब्ज़ी
  • ब _ ल → बल/बेल/बोल

Picture → Word (चित्र देखकर लिखें)

  • चित्र: आम → लिखें: आम
  • चित्र: फूल → लिखें: फूल
  • चित्र: बैलगाड़ी → लिखें: बैलगाड़ी

Barakhadi Drill (क, ग, च, त, म)

  • हर अक्षर के साथ 12 मात्राएँ जोड़कर रोज़ 5 मिनट बोलें + लिखें।

Minimal Pairs (उच्चारण सुधार हेतु)

  • बल – बेल – बोल
  • कल – केल – कोल
  • दल – देल – डोल (अभ्यास हेतु संयोजन)

साप्ताहिक प्रगति-तालिका (Self-Tracking)

सप्ताहलक्ष्यSelf-Rating (1–5)नोट्स
1मात्रा पहचान__/5
2बारहखड़ी याद__/5
3उच्चारण शुद्धता__/5
4लेखन व स्पेलिंग__/5

Beginners के लिए 10 प्रैक्टिकल टिप्स

  1. रोज 10 मिनट पढ़ें: बड़े फॉन्ट/चित्र-पुस्तक से शुरुआत।
  2. उच्चारण रिकॉर्ड करें: 30 सेकंड ऑडियो सुनकर सुधारें।
  3. बारहखड़ी कार्ड्स बनाएं: क/ग/च/त/म × 12 मात्राएँ।
  4. Minimal Pairs का अभ्यास: बल/बेल/बोल; कल/केल/कोल।
  5. Dictation (श्रुतलेख): सप्ताह में 3 बार छोटे वाक्यों का डिक्टेशन।
  6. Writing Drills: हर मात्रा के 20 शब्द—सोम से शुक्र तक।
  7. Speed Reading: 1 मिनट टाइमर—छोटे पैराग्राफ पढ़ें।
  8. Word Families: का, कि, की, कु, कू… प्रत्येक से 5-5 शब्द।
  9. Visual Mnemonics: (ै = “ऐनक”), (ौ = “औंधा”) जैसे संकेत।
  10. Weekly Review: रविवार को 15 मिनट संपूर्ण रिवीजन।

Hindi Varnamala से बनने वाले शब्द (A–Z Style)

हर अक्षर से 3–3 शब्द (पहचान + शब्दावली बढ़ाने हेतु):

अक्षरशब्द-1शब्द-2शब्द-3
कलमकिताबकविता
खेतखानाखेल
गानागाड़ीगुलाब
घरघड़ाघंटी
चमकचाबीचयन
जगहजंगलजलेबी
टोपीटबटहनी
ठंडठौरठेला
डमरूडालीडिब्बा
ढलानढोलढाल
तराजूतालीतारा
थालीथानाथालीसा*
दिनदियादलिया
धरतीधनधूप
नदीनमकनयन
पंखपुस्तकपानी
फलफूलफौज
बरसातबादलबोल
भालूभोजनभावना
मालामछलीमंदिर
यज्ञयात्रीयश
रथरसरूप
लोटालाललाठी
वाणीवृक्षविनय
शामशिक्षकशिव
षट्कषड्यंत्रषट्भुज
सागरसूरजसब्ज़ी
हलहाथहंस
क्षक्षमाक्षीरक्षेत्र
त्रत्रिशूलत्रिकोणत्रास
ज्ञज्ञानज्ञानीज्ञानेंद्र

(*टिप: “थालीसा” यहाँ अभ्यास-उद्देश्य से; आप प्रचलित शब्द रखें।)


FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र: हिंदी में कुल कितनी मात्राएँ होती हैं?
उ.: सामान्यत: 11 मानी जाती हैं; ‘अ’ की मात्रा नहीं, इसलिए मुख्यत: 10 मात्रा-चिन्ह प्रयोग में आते हैं।

प्र: ह्रस्व और दीर्घ में क्या अंतर है?
उ.: उच्चारण-समय का। ह्रस्व (अ, इ, उ, ऋ) में समय कम, दीर्घ (आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ) में अधिक लगता है।

प्र: मात्रा का सही अभ्यास कैसे करें?
उ.: रोज 10–15 मिनट बारहखड़ी ड्रिल, “Minimal Pairs”, डिक्टेशन और वर्कशीट—नियमित रिवीजन सहित।

प्र: क्या मात्रा बदलने से अर्थ बदलता है?
उ.: हाँ, जैसे बल/बेल/बोल—मात्रा बदले तो ध्वनि और अर्थ बदल सकते हैं।

प्र: बच्चों के लिए सबसे आसान शुरुआत क्या है?
उ.: बड़े फॉन्ट वाली चित्र-पुस्तकें, क–ग–च–त–म पर 12 मात्राओं का अभ्यास, प्रतिदिन 10 शब्द लिखना, रविवार को रिवीजन।